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पैसों की कमी से मंगल भवन का निर्माण अधूरा, 40 लाख की और जरूरत

बालोद जिला मुख्यालय में निर्माणाधीन मंगल भवन का काम बीते तीन माह से बंद है। जबकि मंगल भवन निर्माण की डेडलाइन भी लगभग एक साल पहले समाप्त हो चुकी है। निर्माण बंद होने का प्रमुख कारण पैसों की कमी है।

बालोद जिला मुख्यालय में निर्माणाधीन मंगल भवन का काम बीते तीन माह से बंद है। जबकि मंगल भवन निर्माण की डेडलाइन भी लगभग एक साल पहले समाप्त हो चुकी है। निर्माण बंद होने का प्रमुख कारण पैसों की कमी है।

Mangal Bhawan construction: बालोद जिला मुख्यालय में निर्माणाधीन मंगल भवन का काम बीते तीन माह से बंद है। जबकि मंगल भवन निर्माण की डेडलाइन भी लगभग एक साल पहले समाप्त हो चुकी है। निर्माण बंद होने का प्रमुख कारण पैसों की कमी है। बता दें कि जिस मंगल भवन की सौगात नगरवासियों को लगभग डेढ़ साल पहले मिल जानी थी। वह नगर पालिका के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण नहीं मिल पाई है।

मंगल भवन अधूरा होने की वजह पूर्व नगर सरकार व अधिकारी : कमलेश सोनी

नगर पालिका से मिली जानकारी के मुताबिक क्र1 करोड़ 49 लाख की लागत से मंगल भवन का निर्माण नगर के संजय नगर में किया जा रहा है। इसका काम साल 2023 में शुरू हुआ और निर्माण को 6 माह के भीतर पूरा करना था पर राशि के अभाव में लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद बंद कर दिया गया। मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष कमलेश सोनी ने कहा कि मंगल भवन अधूरा होने की वजह पूर्व नगर सरकार व अधिकारी हैं, जिन्होंने बिना जांचे परखे ही काम शुरू करवा दिया। अब इस मंगल भवन को पूर्ण करने शासन से राशि की मांग की गई है। शासन से राशि जारी होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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बेस मजबूत करने में ही खर्च हो गई ज्यादा राशि

मिली जानकारी के मुताबिक नगर पालिका ने जिस जगह पर मंगल भवन निर्माण करा रहे हैं। वह भूमिभरण की जगह है। भवन की नींव के लिए 4 फीट के गड्ढे खोदने थे लेकिन मिट्टी पोली होने की वजह से बेस के लिए और ज्यादा गड्ढे खोदे गए। बेस तैयार करने में जितनी राशि खर्च की गई। उतनी में तो इस भवन के चौखट व लेंटर तक काम हो जाता।

काम में जल्दबाजी, जिम्मेदार मौन

दरअसल जब काम शुरु करने से पहले मिट्टी की जांच करनी थी, जिससे ये पता चल सके कि आखिर कहां तक नींव खुदाई के लिए मजबूत जमीन मिल सके। अगर नगर पालिका को ये पहले ही पता था कि बेस में ही ज्यादा खर्च आएगा तो निर्माण से पहले राशि की मांग की जानी थी। राशि आने के बाद काम शुरू करते। वहीं काम शुरू करने के बाद अब बचे हुए कार्य के लिए राशि कम पड़ गई तो नगर पालिका ने काम बंद करा दिया। वहीं इस मामले में जब पूर्व नगर पालिका सीएमओ रोहित साहू व सौरभ शर्मा से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल बंद बताया।

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क्र40 लाख की और जरूरत, कब आएगी राशि पता नहीं

राशि खत्म होने के बाद काम जैसे ही बंद हुआ तो नए नगर पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने इस कार्य की समीक्षा की। तब पूरी बात सामने आई। अब 40 लाख रुपए की मांग शासन से की गई है, जिसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर कर भेजा गया है। अब कब तक इसकी स्वीकृति मिलेगी। यह शासन ही बता पाएगा।

मंगलभवन में ये कार्य बचे हुए

फाल सीलिंग, टाइल्स, बिजली कनेक्शन, रंगरोगन व साफ-सफाई, बाउंड्रीवाल तथा साफ सफाई का काम बचा हुआ है। जानकारी यह भी मिल रही है कि 1 करोड़ 49 लाख में 1 करोड़ 43 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान भी हो चुका है।

पूर्व नगर सरकार की है गलती

इस मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष कमलेश सोनी ने कहा कि मंगल भवन का काम बंद होने की प्रमुख वजह पूर्व नगर सरकार है। जब मालूम था खर्च ज्यादा आएगा तो निर्माण से पहले या फिर निर्माण कराते हुए भी राशि की मांग शासन से कर सकते थे लेकिन उन्होंने काम में जल्दबाजी की। यही वजह है कि अब आगे काम के लिए राशि नहीं है और काम बंद है।