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सात दिसवीय मेला आयोजन कर भूल गई जनपद

मेला परिसर में कचरे और गंदगी का लगा अंबार स्थानीय ग्रामीण और व्यापारी परेशान

मेला परिसर में कचरे और गंदगी का लगा अंबार
मेला परिसर में कचरे और गंदगी का लगा अंबार

जिले की धार्मिक नगरी रामपायली के प्रसिद्ध कार्तिक पूर्णिमा का समापन का एक पखवाड़ा हो चुका है। जनपद ने यहां वृहद स्तर पर मेला आयोजन तो करवाया। लेकिन मेला समाप्ती के इतने दिनों बाद भी मेला मैदान की साफ-सफाई नहीं करवाई गई है। परिणाम स्वरूप मौके पर गंदगी और कचरों का ढेर लगा हुआ है। स्थानीय ग्रामीण और व्यापारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार एक ओर जनपद स्वयं दूसरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ता है। वहीं स्वयं के माध्यम से लगवाए गए मेला परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा का मेला आयोजित कर लाखों रुपए का राजस्व अर्जित करने के बावजूद प्रभु श्रीराम की नगरी को गंदगी और उपहास के छोड़ दिया गया है।

स्कूली बच्चे हो रहे परेशान

बताया गया कि मेला परिसर के समीप ही दो शासकीय, अशासकीय विद्यालय मौजूद है। जिन्हें गंदगी को लांघकर प्रतिदिन आना-जाना पड़ रहा है। वहीं स्कूल से छुट्टी होने पर बच्चे इसी मैदान में खेला करते हैं। लेकिन कचरे और गंदगी बजबजाने से उन्हें खेल अभ्यास में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आमजनों में भी असंतोष व्याप्त है।

आस्था को पहुंच रही ठेस

स्थानीयजनों के अनुसार रामपायली नगर प्रभु श्रीराम की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। 14 वर्षो के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मणजी के साथ यहां पधारे थे। जिन्होंने विराट राक्षक का वध भी किया था। पुराणों में भी इसका उल्लेख है। इस कारण कार्तिक पूर्णिमा मेले में यहां मप्र के अलावा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लोग भी दर्शन करने पहुंचते हैं। इनके आस्था का केन्द्र श्रीराम बालाजी मंदिर है। लेकिन इसी मंदिर का मेला परिसर इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। लेकिन न पंचायत ध्यान दे रही है न जनपद के जिम्मेदार। जबकि मेला आयोजन के पूर्व स्वच्छता लेकर भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है। वहीं साफ सफाई के नाम पर फंड भी निर्धारित किया जाता है। बावजूद इसके यहां सफाई कार्य नहीं होने से लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है। शीघ्र ही पूरे मेला परिसर की साफ-सफाई किए जाने की मांग की गई है।
वर्सन
मेला परिसर में मेला आयोजन के बाद सफाई नहीं करवाई गई है। हर बार इसी तरह की लापरवाही बरती है। इसका खामियाजा स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है।
विजय राउत, ग्रामीण

जब मेला आयोजन के दौरान स्वच्छता की जिम्मेदारी सौंपी जाती है और फंड भी निर्धारित किया जाता है तो फिर समय पर सफाई क्यो नहीं कराई जाती है। बच्चों के खेलने वैसे ही मैदान कम है। अब गंदगी के कारण परेशानी हो रही है।
राधेलाल दौने, श्रद्धालु

श्रीराम की नगरी के मेला परिसर के इस तरह के हाल जनपद और पंचायत के स्वच्छता नारों और अभियान की पोल खोलते हैं। इससे गलत संदेश जा रहा है। जनपद के जिम्मेदारों को तत्काल यहां सफाई करवानी चाहिए।
गंगा प्रसाद लिल्हारे, समाज सेवी