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मॉ-बाप से गले मिलकर भावुक हुई सुनीता, छलके आंसू

आत्मसमर्पण करने वाली हार्डकोर नक्सली से मिलने पहुंचे माता-पिता- सुनीता ने माओवादियों से की सरेंडर करने की अपील

आत्मसमर्पण करने वाली हार्डकोर नक्सली से मिलने पहुंचे माता-पिता-
आत्मसमर्पण करने वाली हार्डकोर नक्सली से मिलने पहुंचे माता-पिता-

जिले के नक्सल विरोधी अभियान में हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता ओयाम ने संविधान और लोकतंत्र में अपनी आस्था व्यक्त करते हुए जिला पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया है। सुनीता ओयाम ने पूछताछ में बताया कि वह अब भारत के संविधान में अपना विश्वास रखती हैं। जंगलों में पुलिस का दबाव बहुत बढ़ गया है, एक स्थान पर ज्यादा देर रुक नहीं पा रहे हंै। यह नक्सली जीवन में बने डर, शोषण और असुरक्षा से तंग आकर एवं शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्म समर्पण का निर्णय लिया। वरिष्ठ काडरों द्वारा बार-बार की जाने वाली हिंसक रणनीतियां और परिवार से कटाव ने भी उसे मानसिक रूप से प्रभावित किया। आत्म समर्पण के बाद सुनीता ने पुलिस के साथ घर जैसा व्यवहार अनुभव किया। मंगलवार को सुनीता के माता-पिता को बुलवाकर उससे मिलाया गया। माता-पिता से गले मिलकर सुनीता काफी भावुक नजर आई। ऑखों से आंसू छलक उठे।

माओवादियों से अपील

सुनीता ने अपने साथियों से अपील की है कि जिले में अभी भी जो काडर संगठन के प्रभाव में रहकर हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ रहे हैं, वे तत्काल आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौटे। उन्होंने सीसी सदस्य सोनू उर्फ भूपति, रुपेश तथा अन्य वरिष्ठ काडरों की बात मानकर तुरंत सरेंडर करने का आग्रह किया। सुनीता को प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण, मनोवैज्ञानिक परामर्श तथा आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। अभी कुछ समय तक पुलिस सुनीता की काउसिलिंग कर रही है।

अब तक छह का आत्म समर्पण

अमीलाल उर्फ चेतन वर्ष 2010
जानकी उर्फ ठिमियाबाई वर्ष 2010
विनोद पिता पप्पु सिंह वर्ष 2013
बीरसिंह उर्फ मुक्का वर्ष 2013
सुशीला पति भरत पंद्रे वर्ष 2014
सुनीता ओयाम वर्ष 2025

आत्म समर्पण प्राप्त होने वाले लाभ

:- सरकारी सेवा का अवसर 25000 प्रति माह।
:- हथियार, गोला, बारूद सहित समर्पण पर राशि 20 से लेकर 45 हजार रुपए।
:- जमीन क्रय हेतु सहायता 20 लाख तक।
:- प्रोत्साहन राशि घोषित इनाम न्यूनतम 5 लाख।
:- गृह निर्माण हेतु अनुदान 15 लाख तक।
:- व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु अनुदान पांच लाख
:- विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि 50000 तक।
इनका कहना है।
जो नक्सली हिंसा का मार्ग त्याग कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैंए उन्हें मध्यप्रदेश सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति 2023 के अंतर्गत पूरी मदद दी जाएगी। जबकि जिन लोगों ने हिंसा का मार्ग नहीं छोड़ाए उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही व सुरक्षा बलों द्वारा प्रभावी अभियान जारी रहेंगे और उन्हें गिरफ्तार न्यूट्रलाइज़ किया जायेगा।
संजय सिंह, आईजी