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समूह से जुडकऱ ललिता हर माह कमा रही 45 हजार

एल्युमिनियम डोर हाउस का चल पड़ा व्यवसाय आर्थिक स्थिति में आया सुधार, लखपति दीदीयों में सुमार हुई ललिता पटले

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एल्युमिनियम डोर हाउस का चल पड़ा व्यवसाय

एल्युमिनियम डोर हाउस का चल पड़ा व्यवसाय

जहां चाह है, वहां राह निकल ही आती है। कुछ इसी तरह के प्रयास किरनापुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत बोडूंदाकला की निवासी ललिता पति कृष्ण कुमार पटले ने कर दिया है। जिसने आजीविका मिशन से जुडकऱ अपनी तकदीर बदली। आज ललिता प्रतिमा माह 45 हजार रुपए कमा लखपति दीदीयों में सुमार हो गई है।

ललिता की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। ललिता बतातीं है कि उन्होंने बी कॉम तक शिक्षा अध्ययन की है। परिवार मे दो छोटे बच्चे हैं, जो 5 वीं व पहली कक्षा में अध्ययनरत हैं। ललिता के परिवार में कुल 4 सदस्य है। देवर भी साथ रहते है। ललिता के अनुसार समूह से जुडऩे के पहले परिवार की सामाजिक एवं आर्थिक स्थति कमजोर थी। घर के मुखिया को परिवार चलाने छोटी मोटी मजदुरी पे निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब वे आर्थिक रूप से सशक्त हो गए हैं।

जमा पूंजी से शुरू किया व्यवसाय

ललिता के अन ुसार पड़ोसी सगे संबंधि के कहने पर खुद की जमा पूंजी पचास हजार से कपड़ा व्यवसाय का कार्य प्रारंभ किया। गुजरात से कपड़े लाकर ग्राम खारा, बोडूंदाकला, छिंदगांव में ग्राम स्तर पर विक्रय कार्य प्रारंभ किया। लेकिन इस व्यवसाय में अपेक्षित लाभ उधारी के कारण प्राप्त नहीं हुआ। परिवार की आर्थिक और समाजिक स्थति जस की तस बनी रही।

समूह से जुडकऱ सुधरी स्थिति

सन 2022 में ग्राम में आजीका मिशन की शुरुआत में ललिता ने 15 महिला को इक_ा कर मिशन मार्गदर्शन में समूह का गठन किया। धीरे-धीरे आत्म विश्वास में वृद्धि एवं मिशन के लगातार प्रयासों से समूह की आरएफ राशि से 10000 ऋण लेकर एल्युमिनियम पेनल बनाने का कार्य प्रारंभ किया, जो चल निकला।

ग्राम संघठन से प्रदाय सामुदायिक निवेश निधि एक लाख में से 80 हजार का ऋण लेकर एल्युमिनियम डोर हाउस को व्यवसाहिक रूप से आगे बढ़ाया। बिजनेश के अच्छा चलने पर बैंक सीसीएल से अलग-अलग कुल दो लाख ऋण पर लिया। उक्त ऋण से एल्युममिनियम डोर एवं पैनल बनाने का कार्य को बढ़ाकर और अधिक आमदानी प्राप्त की। ललिता के अनुसार आज उसकी स्वयं की आय 45000 रुपए मासिक एवं परिवार की कुल आय 50 हजार रुपए हो गई है। लखपति दीदी की श्रेणी में आ गई है।