बालाघाट. ईओडब्ल्यू की टीम ने वनपरिक्षेत्र लालबर्रा के वनरक्षक/बीटगार्ड नवेगांव मत्तम नगपुरे को 3.50 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गुरुवार को एसबीआई लालबर्रा के पास से रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। वनरक्षक विस्थापन के मुआवजे की राशि के नाम पर वनग्राम नवेगांव निवासी राजेंद्र धुर्वे से रिश्वत ले रहा था। उसने रिश्वत लेने आवदेक को एसबीआई लालबर्रा बुलाया था, जहां रिश्वत के पैसे कम पड़े तो उसने राजेंद्र से बैंक से पैसे निकलवाए। इसकी पुष्टि ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम ने की है।
ईआडब्ल्यू के अनुसार नवेगांव निवासी राजेंद्र ने मंगलवार (16 सितम्बर) को शिकायत किया कि कान्हा पेंच कॉरीडोर के कोर क्षेत्र में उसका गांव आ गया है। इस क्षेत्र में वन्यप्राणियों की संख्या अधिक होने से गांव के परिवार का विस्थापन किया जा रहा है। विस्थापन के मुआवजे के तौर पर परिवार की प्रत्येक यूनिट (पति एवं पत्नी की एक यूनिट तथा एकल सदस्य की भी एक यूनिट) को 15 लाख रुपए के मान से मुआवजा दिया जा रहा है। इसका सर्वे करके वन विभाग ने सूची तैयार कर ली है। राजेंद्र के परिवार से पांच सदस्यों को राशि मिलनी है। गांव की सुखवंती बाई का नाम एक वर्ष पूर्व कमेटी ने मुआवजा के लिए तय कर दिया। उसके हिस्से के पांच लाख रुपए उसे मिल चुके हैं। सुखवंती बाई बीते तीन-चार माह से आवेदक के साथ बिना विवाह किए साथ आकर रहने लगी। इसकी जानकारी के बाद आरोपी वनरक्षक उससे रिश्वत की मांग करने लगा।
वनरक्षक कहने लगा कि वह सुखवंती का नाम अलग करवा देगा, जिससे उसको बाकी पैसा नहीं मिलेगा और आवेदक के परिवार का बाकी पैसा भी नहीं मिलेगा। बुधवार (17 सितम्बर) को लालबर्रा में आरोपी ने मुआवजे की राशि का भुगतान कराने चार लाख रुपए की मांग की। साढ़े तीन लाख रुपए की राशि देना तय हुआ। आरोपी ने आवेदक को गुरुवार को लालबर्रा स्टेट बैंक के पास पैसे लेकर बुलाया। पैसे पूरे नहीं होने पर बैंक से निकाल कर देने को कहा। आवेदक राजेंद्र आरोपी को बैंक से पैस लेकर रिश्वत दे रहा था। उसी समय टीम ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन) 2018 की धारा 7 (ए) अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
Published on:
19 Sept 2025 06:35 pm