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घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल पाई बसें, आटो या निजी वाहन से करना पड़ा सफर

बसों के इंतजार में चिपचिपी गर्मी में तड़पे यात्री बसों के अधिग्रहण से सामने आई समस्या, दिनभर परेशान होते दिखे यात्रिगण

बसों के अधिग्रहण से सामने आई समस्या, दिनभर परेशान होते दिखे यात्रिगण
बसों के अधिग्रहण से सामने आई समस्या, दिनभर परेशान होते दिखे यात्रिगण

उफ ये भीषण गर्मी ने तो खड़ा रहना भी मुहाल कर दिया है, उस पर यह बस की समस्या ऐसे परेशान होने से तो अच्छा, निजी वाहन कर गतव्यं स्थल तक पहुंचते। कुछ ऐसी ही बातें बुधवार को शहर के बस स्टैंड में यात्रिगणों के मुंह सुनाई दी। दरअसल जिले के कटंगी में मुख्यमंत्री का राज्य स्तरीय धान का बोनस वितरण कार्यक्रम के चलते जिलेभर से करीब 250 बसों को प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया था। इस कारण यह स्थिति निर्मित हुई।

बसों के इंतजार में दिनभर यात्रिगण बच्चों के साथ भूखे, प्यासे बेजा परेशान होते नजर आए। उन्हें कुछ रूटों में बसें नहीं मिली। मजबूरी में कुछ यात्रिगण आटो व निजी वाहन कर अपने गतंव्य स्थल तक जाते नजर आए। वहीं गरीब तबके के यात्रिगणों को बस स्टैंड में ही पसीने से तरबतर होकर परेशान होते देखा गया। जिला बस एसोसिएशन के श्याम कौशल के अनुसार बालाघाट की 250 बसों के अलावा मंडल जिले से 50, सिवनी की 100, जबलपुर की 25 और छिंदवाड़ा जिले की 50 बसें भी कार्यक्रम में लगाई गई थीं।

खाली रहा बस स्टैंड

जानकारी के अनुसार रोजाना बसों की धमाचौकड़ी से खचाखच रहने वाला बस स्टैंड बुधवार को खाली नजर आया। यहां गिनती की बसें वे भी महानगरों की लग्जरी बसें नजर आई। निजी यात्री प्रतीक्षालय और रिक्शा स्टैंड के समीप बड़ी संख्या में यात्रिगण बसों का घंटों इंतजार करते नजर आए। इस दौरान सर्वाधिक परेशानी बच्चों वाले यात्रिगणों को उठानी पड़ी। चिपचिपी गर्मी में बच्चें रोते बिलखते नजर आए। अभिभावका अपने बच्चों को शीघ्र ही बस आने का दिलासा देते नजर आए। स्टैंड में गर्मी में राहत पहुंचाने निशुल्क पानी तक की व्यवस्था नहीं है। इस कारण लोग हॉटलों से पानी खरीदकर प्यास बुझाते नजर आए।

आटो रिक्शा चालकों हुई चांदी

बसों का टोटा होने पर आटो रिक्शा चालक मौके का फायदा उठाते नजर आए। जिन्होंने आवश्यकता से अधिक सवारी भरकर परिवहन किया। दिनभर बस स्टैंड में ऑटो चालकों का कब्जा दिखा। जिन्होंने यात्रियों से ठसाठस भरकर अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक किराया लेकर यात्रिगणों को गतंव्य स्थल तक छोड़ा। कुछ यात्रियों ने बताया कि सिवनी रूप पर गर्रा, कनकी, बेहरई, बिरसोला तक व बस से 15 से 20 रुपए में पहुंचा करते थे। लेकिन ऑटो चालकों ने 50 रुपए से 70 रुपए तक प्रति यात्री किराया वसूल किया। इसी तरह लामता मार्ग और बैहर रोड के यात्रियों से भी अधिक किराया वसूल किया गया।

इन रूटों में कम मिली बसें

जानकारी के अनुसार बुधवार को बालाघाट से लामता होते हुए नैनपुर मार्ग, बैहर परसवाड़ा मार्ग, रजेगांव-किरनापुर होते हुए गोंदिया पहुंच मार्ग और तुमसर भंडारा मार्ग में कम बसें चली। इस कारण इन रूटों के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अन्य दिनों में इन रूटों पर हर 20 से 30 मिनट में बसें मिल जाया करती हैं।
इनका कहना है।
जन्म दिन समारोह में शामिल होने हट्टा से मिरगपुर जाना है। लेकिन आधे घंटे से बस का इंतजार कर हॅू। बस नहीं आ रही है। अन्य दिनों में हर 10 मिनट में बस मिलती थी।
सुंदर मजूमदार, पारसपानी हट्टा

जरूरी कार्यक्रम में शामिल होने बालाघाट आया था, लेकिन अब वापस अपने घर जाने बस स्टैंड में एक घंटे से बस का इंतजार कर रहा हॅू। बस नहीं आई है। मजबूर अब अपने दोस्त से बाइक बुलवा रहा हॅू।
घनश्याम बलोने, उड़दना परसवाड़ा

जानपुर मोहगांव जाना है। लेकिन इस गर्मी में अब बस का इंतजार करके नहीं हो रहा है। कोई लिफ्ट भी नहीं दे रहा। इसलिए निजी वाहन करना पड़ रहा है।
श्यामलाल बसेने, हट्टा

मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम को लेकर जिले से करीब 250 बसे लगाई गई है। इसी तरह अन्य चार जिलों से भी बसें लगाई गई है। इसलिए बसों का टोटा है। कार्यक्रम से लौटते ही सवारियां गाड़ी शुरू कर दी जाएगी। यात्रियों की असुविधा के लिए हमें खेद है।
श्याम कौशल, जिला बस ऑनर एसोसिएशन पदाधिकारी।