बहराइच में भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है। पिछले 20 दिनों में भेड़ियों ने 11 हमले किए। 9 और 11 सितंबर के हमले में दो बच्चियों को जिंदा खा गया। वहीं इन हमलों में 9 लोग घायल हो गए।
13 सितंबर की रात बहोरवा में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां मां की गोद में सो रही एक बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। मां की चीखें सुनकर ग्रामीण दौड़ पड़ें। लेकिन, भेड़िया रात के अंधेरे में गुम हो गया। अगले दिन खेत से बच्ची का शव बरामद हुआ।
लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीणों का धैर्य टूट रहा है। वन विभाग की टीम अब तक आदमखोर को पकड़ नहीं पाई है। इस बीच ग्रामीण खुद ही पहरेदारी कर रहे हैं। हाथों में लाठी-डंडा लेकर 'जागते रहो' का हांका लगाते हैं और रातभर बच्चों की निगरानी करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने जानवरों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस, वन अधिकारियों और अन्य राज्यों के विशेषज्ञों सहित 100 से ज़्यादा कर्मियों को तैनात किया है।
इस मामले को लेकर देवीपाटन मंडल की वन संरक्षक डॉ. सिमरन एम ने कहा कि एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। टीमें थर्मल ड्रोन, नाइट-विजन कैमरे और कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल कर रही हैं। इस बीच, ग्रामीणों ने लाठियों के सहारे गश्त शुरू कर दी है।
उधर, वन विभाग ने ड्रोन के ज़रिए दो भेड़ियों पर नज़र रखने की पुष्टि की है, लेकिन किसी को भी नहीं पकड़ा है। इस साल की घटनाएं पिछले साल हुए हमलों की एक जैसी ही सिरीज की याद दिलाती हैं, जब भेड़ियों के एक झुंड ने इसी क्षेत्र में नौ लोगों को मार डाला था और दर्जनों को घायल कर दिया था। तब सरकार ने इस क्षेत्र को 'वन्यजीव आपदा-प्रवण क्षेत्र' घोषित किया था और जानवरों को पकड़ने के लिए 'ऑपरेशन वुल्फ' शुरू किया था।
Published on:
18 Sept 2025 07:28 pm