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Ayodhya में 25 नवंबर को राम मंदिर ध्वजारोहण, पीएम मोदी और संतों की उपस्थिति में ऐतिहासिक आयोजन

Ayodhya में 25 नवंबर को होने वाला राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह पूरे देश की आस्था और गौरव का प्रतीक बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति, संत समाज, कारीगरों और प्रतिष्ठित हस्तियों की सहभागिता से यह आयोजन ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को नई ऊंचाई देने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे मुख्य अतिथि, संत-समाज, कारीगरों और देश-विदेश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा कार्यक्रम (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे मुख्य अतिथि, संत-समाज, कारीगरों और देश-विदेश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा कार्यक्रम (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

 Ayodhya वह नगरी जिसने अनादिकाल से भारतीय आस्था, धर्म और संस्कृति की धुरी को संभाले रखा है,एक बार फिर इतिहास के स्वर्णिम पन्ने पर अंकित होने को तैयार है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का शुभ अवसर 25 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। यह ध्वजारोहण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि मंदिर निर्माण यात्रा के अंतिम पड़ाव का प्रतीक, करोड़ों हिंदुओं की साधना का साकार रूप और देश की आध्यात्मिक धरोहर का पुनः पुष्टि क्षण माना जा रहा है।

मंदिर परिसर में तैयारियां अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं। दीपोत्सव जैसी रोशनी, पुष्प सज्जा, सुरक्षा और प्रबंधन की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच अयोध्या इन दिनों एक आध्यात्मिक राजधानी का स्वरूप धारण कर चुकी है। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर मंदिर की परिधि तक, हर कोना उत्सव, आस्था और दिव्यता का संदेश देता दिखाई दे रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे मुख्य अतिथि

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महा-अनुष्ठान के मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ देश के प्रमुख संत-समाज के प्रतिनिधि, धर्माचार्य, मंदिर निर्माण से जुड़े कारीगर, देश के शीर्ष उद्योगपति, कलाकार, मूर्तिकार और वास्तुकार भी उपस्थित रहेंगे। रामलला की प्रतिमा के मूर्तिकार अरुण योगीराज, प्रमुख वास्तुकार सी.बी. सोमपुरा, डिज़ाइन विशेषज्ञ अमित खन्ना और प्रतिष्ठित चित्रकार वासुदेव कामत विशेष आमंत्रित अतिथियों में शामिल हैं। उद्योग जगत से मुकेश अंबानी, एन. चंद्रशेखरन, एस.एन. सुब्रमण्यम, जी. किरण कुमार जैसे नाम इस समारोह को और गरिमामयी बनाने वाले हैं। वहीं फिल्म और कला जगत से अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, सोनू निगम, रामचंद्र तेजा सहित अनेक प्रमुख हस्तियां भी अयोध्या पहुंचेंगी।

कारीगरों और श्रमिकों के लिए विशेष ‘संवाद कार्यक्रम’

प्रधानमंत्री मोदी की यही विशेषता रही है कि वे हर ऐतिहासिक अवसर पर उन हाथों को सम्मान देना नहीं भूलते जिनसे इतिहास रचा गया है। भूमि पूजन और प्राण-प्रतिष्ठा की तरह इस बार भी कारीगरों, श्रमिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। विभिन्न एजेंसियों की टीमें श्रमिकों की शॉर्टलिस्टिंग और सत्यापन में जुटी हैं। यह सम्मान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन श्रमिकों ने मंदिर निर्माण की कठिन यात्रा में अपनी प्रतिभा, परिश्रम और समर्पण का अमिट योगदान दिया है।

अयोध्या बनी सुरक्षा का अभेद दुर्ग-24 नवंबर से दर्शन बंद

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 24 नवंबर की रात से आम दर्शन बंद कर दिए जाएंगे। समारोह के दिन किसी भी सामान्य श्रद्धालु को प्रवेश नहीं मिलेगा। यह व्यवस्था सुरक्षा, प्रोटोकॉल और भीड़-नियंत्रण के कारण अनिवार्य है। उन्होंने अपील कियह राष्ट्र-गौरव का क्षण है। सभी भक्त अपने घरों पर रहकर इस अद्वितीय उत्सव का साक्षी बनें। अयोध्या की प्रमुख सड़कों, चौराहों और जन-स्थलों पर बड़े LED स्क्रीन लगाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से कार्यक्रम का सामूहिक प्रसारण कराया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों और ट्रस्ट की संयुक्त टीमें शहर में 24 घंटे निगरानी कर रही हैं। अयोध्या प्रशासन, यूपी पुलिस, CRPF, एटीएस और इंटेलिजेंस विंग की टीमें सुरक्षा के बहुस्तरीय प्रबंध में जुटी हैं। शहर के मुख्य मार्गों, पार्किंग स्थलों, होटल-धर्मशालाओं और मंदिर परिधि में विशेष सुरक्षा घेरा बना दिया गया है।

ध्वजारोहण क्यों है इतना विशेष

  • मंदिर ट्रस्ट के अनुसार यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण यात्रा की पूर्णाहुति के रूप में मनाया जा रहा है।
  • शिखर पर ध्वज केवल विजय का प्रतीक नहीं, बल्कि सदियों के संघर्ष में मिली आध्यात्मिक जीत
  • राम भक्तों के त्याग और धैर्य का सम्मान
  • भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की पुनर्स्थापना
  • सनातन परंपरा का वैश्विक उद्घोष का प्रतीक है।
  • यह वही शिखर है जो विश्व को संदेश देगा-“राम मंदिर पूर्ण हुआ और धर्म का ध्वज शिखर पर स्थापित है।

अयोध्या में अभूतपूर्व सजावट-धर्म और संस्कृति का दिव्य संगम

तिरंगा और भगवा ध्वजों से सजी सड़कें, दीपों की रेखाओं से चमकती गलियां, पुष्प-पल्लव से सजे मंदिर द्वार, और भजन-कीर्तन की गूंज…अयोध्या इस समय एक जीवंत तीर्थ का ही नहीं, भारतीय सांस्कृतिक पहचान के भव्य केंद्र का रूप ले चुकी है। स्थानीय बाजारों में भारी रौनक है। होटल, धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और चौराहे उत्सव के रंग में डूबे हैं। प्रशासन ने शहर को सजाने के लिए विशेष कलाकारों की मदद ली है।