
President Draupadi Murmu in Ambikapur (Photo- Patrika)
अंबिकापुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का समापन कार्यक्रम अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में हुआ। इस दौरान राज्यपाल रमेन डेका, सीएम विष्णुदेव साय समेत मंत्रीमंडल व अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के इस कार्यक्रम में शामिल होने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि ओडिशा व छत्तीसगढ़ में रोटी और बेटी का संबंध है। मुझे जनजाति परिवार में जन्म लेने पर गर्व है।
राष्ट्रपति (President Draupadi Murmu) ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य 25 साल का हो गया है, इसके लिए मैं यहां के सभी लोगों को बधाई देती हूं। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 15 नवंबर को मैं भगवान बिरसा मुंडा के झारखंड स्थित गांव गई थी, यह भी सौभाग्य की बात है।
उन्होंने बिरसा मुंडा द्वारा अंग्रेजों से लड़ी गई लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि हमें उनके कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। उन्होंने (President Draupadi Murmu) कहा कि अंबिकापुर में 15 से 20 नंबर तक जनजाति गौरव दिवस मनाया गया, यह खुशी की बात है। जनजाति समाज का इस देश में काफी बड़ा योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि अंबिकापुर से ओडिशा और झारखंड 200 किमी की दूर है। छत्तीसगढ़ ओडिशा से सटा हुआ है। छत्तीसगढ़ व ओडिशा में रोटी और बेटी का संबंध है।
छत्तीसगढ़ के लोग ओडिशा में तथा ओडिशा के लोग छत्तीसगढ़ में शादी करते हैं। दोनों की दोस्ती काफी पुरानी है। उन्होंने (President Draupadi Murmu) कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड व ओडिशा जनजाति समाज की विरासत काफी गहरी है।
राष्ट्रपति (President Draupadi Murmu) ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज के लोगों ने अपनी संस्कृति व परंपरा बनाए रखी है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को जीवित रखना बेहद जरूरी है। मैं भी जनजाति समाज की बेटी हूं। जनजाति समाज में जन्म लेने पर मुझे गर्व है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज की परंपरा को मैं पहले भी जीती थी और अब भी जीती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और सभ्यता बेहद खूबसूरत है, इसे बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी ऐसे कार्यक्रमों में कहीं जाती हूं तो जनजाति परिवार के लोगों से मुलाकात करती हूं। जनजाति महिलाओं से मुलाकात करने पर मुझे अच्छा लगता है।
स्थानीय स्तर पर भी जनजाति समाज की संस्कृति और उनके विकास को प्राथमिकता से ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल, जमीन के साथ आदिवासी संस्कृति को मजबूत करने के लिए काम करने की जरूरत है।
Published on:
20 Nov 2025 02:15 pm
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