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MLA caste certificate: विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते का जाति प्रमाण पत्र है फर्जी! आदिवासी समाज ने लगाया आरोप, दी ये चेतावनी

MLA caste certificate: सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं शकुंतला पोर्ते, उनके समाज के ही व्यक्तियों ने पत्रवार्ता कर लगाया है आरोप, कहा- हाईकोर्ट के आदेश पर की गई छानबीन में पाया गया फर्जी

MLA caste certificate
MLA Shakuntala Portey (Photo- X)

अंबिकापुर। प्रतापपुर विधानसभा की विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते का जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) फर्जी होने का आरोप लगाया गया है। उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी और कूट रचित है। आदिवासी समुदाय द्वारा लगाए गए आरोपों के मुताबिक, विधायक का जाति प्रमाण पत्र पति पक्ष से बनवाया गया है, जो कि किसी भी रूप में वैध नहीं हो सकता। आदिवासी समाज का कहना है कि जाति प्रमाण पत्र पिता पक्ष से बनता है, न कि पति पक्ष से। इस आधार पर आरोप लगाया गया कि विधायक ने फर्जी दस्तावेज़ के माध्यम से आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।

यह आरोप धन सिंह धुर्वे, मुन्ना सिंह और रामवृक्ष द्वारा शुक्रवार को एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में लगाया गया। इन तीनों ने बताया कि विधायक की जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) की जांच के लिए कलेक्टर बलरामपुर और सूरजपुर को आवेदन भेजा गया था, जिसमें यह पाया गया कि बिना किसी प्रमाण के जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

संबंधित दस्तावेजों का अभाव होने के कारण यह प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी और कूटरचित प्रतीत हो रहा है। अंबिकापुर और बलरामपुर के अभिलेखागार में भी इस जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर की गई जांच

धन सिंह ने बताया कि मामले में गोंड समाज की जयश्री सिंह ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 17 जून 2025 को इस मामले (MLA caste certificate) में कार्रवाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने जिला स्तरीय छानबीन समिति और उच्च स्तरीय छानबीन समिति रायपुर को निर्देशित किया कि वे इस मामले की तुरंत जांच करें।

इसके बाद, जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति, बलरामपुर ने विधायक को तीन बार नोटिस जारी किया। इनमें जाति प्रमाण पत्र के संबंध में मूल दस्तावेज और अन्य सुसंगत अभिलेख प्रस्तुत करने कहा गया। विधायक ने इन नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया और न ही संबंधित दस्तावेज समिति के सामने प्रस्तुत किए, जिसके परिणामस्वरूप समिति ने यह निष्कर्ष निकाला कि जाति प्रमाण पत्र फर्जी और कूटरचित है।

आदिवासी समाज में भी है नाराजगी

पत्रवार्ता में कहा गया कि आदिवासी समाज ने इस मुद्दे को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उनका आरोप है कि विधायक ने फर्जी प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) पर आदिवासी समुदाय के आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बनीं, जिससे सही आदिवासी उम्मीदवार का हक मारा गया। भाजपा से धोखा देकर विधायक बनीं शकुंतला सिंह पोर्ते के खिलाफ प्रतापपुर विधानसभा के आदिवासी समुदाय में गहरी नाराजगी है।

कलेक्टर को ज्ञापन सौंप आंदोलन की चेतावनी

आदिवासी समुदाय ने बलरामपुर कलेक्टर और सूरजपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के चार महीने बाद भी जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) को निरस्त करने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर विधायक का जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं किया जाता, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। आदिवासी समाज ने कहा है कि जब तक जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं होगा, आंदोलन अनिश्चितकालीन रूप से जारी रहेगा।

विधायक बोलीं- कोर्ट में चल रहा है प्रकरण

इस संबंध में प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते का कहना है कि जिन्हें जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate) फर्जी लग रहा है, उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई है। मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ही इस पर निर्णय करेगा।