
अंबिकापुर. नवीन न्यायालय भवन (Court building dispute) स्थानांतरण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा शहर से करीब 8 किमी दूर चठिरमा में न्यायालय भवन निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित किया गया है। प्रशासन के इस निर्णय से जिला अधिवक्ता संघ में आक्रोश है। वहीं शुक्रवार की शाम शासकीय क्वाटर के बाउंड्रीवाल को तोड़े जाने का मामला सामने आया। कॉलोनी में निवासरत कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिवक्ताओं ने मिलकर बाउंड्रीवाल को गिराया, जिसके बाद कॉलोनी में रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
अधिवक्ता संघ ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन न्यायिक कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। उन्होंने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध करते हुए न्यायालय भवन (Court building dispute) के निर्माण के लिए पुराने परिसर को ही उपयुक्त स्थान बताया है। अधिवक्ता संघ कहना है कि यदि नया न्यायालय भवन चठिरमा में बनाया गया तो इससे न केवल अधिवक्ताओं को बल्कि आम जनता को भी असुविधा होगी।
वे यह मानते हैं कि न्यायालय भवन के पुराने परिसर (Court building dispute) में निर्माण से न केवल कार्य में आसानी होगी, बल्कि यह एक केंद्रीय स्थान होने के कारण जनता के लिए भी बेहतर होगा। चठिरमा का क्षेत्र शहर से काफी दूर है, जिससे लोगों को वहां तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है।
शुक्रवार की शाम को न्यायालय परिसर (Court building dispute) से लगे शासकीय क्वार्टर के बाउंड्रीवाल को तोड़े जाने का मामला सामने आया। कॉलोनी में निवासरत कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिवक्ताओं ने मिलकर बाउंड्रीवाल को गिराया, जिसके बाद कॉलोनी में रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
शासकीय कॉलोनी के बाउंड्रीवाल गिराए जाने की सूचना पर एसडीएम फागेश सिन्हा, सीएसपी, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले (Court building dispute) की जांच की। एसडीएम न कहा कि पहले मामले की जांच की जा रही है कि आखिर बाउंड्रीवाल किसने गिराई है। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि शासकीय संपति का नुकसान पहुंचाने का मामला है।
गुलाब कॉलोनी के निवासी और शासकीय कर्मचारियों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें क्वार्टर खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है, लेकिन अधिवक्ताओं (Court building dispute) द्वारा बाउंड्रीवाल तोडऩे के कारण कॉलोनीवासियों के लिए सुरक्षा का संकट उत्पन्न हो गया है। लोग अब सामाजिक तत्वों से खौफजदा महसूस कर रहे हैं, और प्रशासन से सुरक्षा की उम्मीद कर रहे हैं।

अधिवक्ता संघ द्वारा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की सूचना जारी की गई है है। इसके बावजूद कुछ अधिवक्ता न्यायिक कार्य कर रहे हैं। जिला अधिवक्ता संघ ने इसके लिए संघ ने उन अधिवक्ताओं की पहचान हेतु टीम बनाई है। टीम द्वारा इसकी जांच की गई।
संघ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि पुलिस विभाग, तहसीलदार कार्यालय एवं राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी-कर्मचारी न्यायालय परिसर में आकर अधिवक्ताओं पर झूठे आरोप लगाने का षड्यंत्र रच रहे थे।
इन अधिकारियों द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर की बाउंड्रीवाल को क्षतिग्रस्त किया है, जो पूर्णत: निराधार एवं अधिवक्ताओं की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। इस तथ्य की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट परिसर पहुंचे और इस कार्रवाई का विरोध दर्ज कराया।
यह मामला (Court building dispute) अब प्रशासन और अधिवक्ता संघ के बीच गंभीर विवाद का रूप ले चुका है। क्योंकि 2 दिनों से जिला अधिवक्ता संघ द्वारा न्यायालय के कार्यों का बहिष्कार किया जा रहा है। अधिवक्ता लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। दो दिन पूर्व शहर में रैली निकालकर विरोध जताया था।
Updated on:
08 Nov 2025 08:48 pm
Published on:
08 Nov 2025 08:35 pm

