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Anganwadi center: आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या में हर माह गिरावट, सिर्फ रजिस्टर में दर्ज है नाम, पोषण आहार पर भी उठ रहे सवाल

Anganwadi center: आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों का मोह होता जा रहा है भंग, न तो खेल का सामान और न ही भोजन की गुणवत्ता ही ठीक, आंख मूंदे बैठे हैं अधिकारी

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Anganwadi Recruitment: आंगनबाड़ी में भर्ती शुरू, 3 दिसंबर तक कर सकेंगे आवेदन

Anganwadi (Photo- Patrika)

अंबिकापुर. महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के गृह क्षेत्र सरगुजा संभाग में महिला और बाल विकास योजनाओं की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक हो गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi center) में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, पोषण आहार भी उन्हें नहीं मिल रहा है। यह इस बात का संकेत है कि विभागीय योजनाओं और सेवाओं में गंभीर खामियां हैं। इसके साथ ही भ्रष्टाचार और अधिकारियों की उदासीनता भी इसे बढ़ावा दे रहीं हैं, यह आंगनबाड़ी केंद्रों से मोह भंग की स्थिति है।

आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi center) में बच्चों की संख्या में निरंतर गिरावट इस बात का संकेत देती है कि व्यवस्था में कुछ गलत है।

आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi center) में बच्चों को समय पर पोषण और प्रारंभिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण वहां जाने वाली बच्चों की संख्या में कमी आ रही है। यह चिंता का विषय है, क्योंकि यह बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है।

Anganwadi center: बच्चों की थाली से अंडा गायब

केंद्रों (Anganwadi center) में बच्चों को मिलने वाला पोषण आहार भी सवालों के घेरे में है। 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को रेडी-टू-ईट दिए जाते हैं, लेकिन कई बार यह आहार समय पर नहीं पहुंच पाता। इस तरह की समस्याएं बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती हैं।

पूर्व में बच्चों व महिलाओं को अंडा दिया जाता था। वर्तमान में विभाग द्वारा डंडी मार दी गई है। अंडा नहीं दिए जाने व समय पर आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं खुलने के कारण बच्चों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

हर महीने कम हो रहे आंकड़े

महिला बाल विकास विभाग सरगुजा (Anganwadi center) के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2025 में 3 से 6 वर्ष के बच्चों की संख्या 42,651 थी, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 39,984 और सितंबर में संख्या घटकर 38,420 हो गई। इसी तरह 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों की संख्या जुलाई में 39543 थी, अगस्त में 37569 और सितंबर में 3836 हो गई।

6 माह के कम उम्र वाले बच्चों की संख्या जुलाई में 4576, अगस्त में 4639 व सितंबर में 4479 जबकि गर्भवती महिलाओं की संख्या जुलाई महीने में 6492 अगस्त में 6512 सितंबर में 6302 दर्ज की गई है।

पोषण ट्रैकर के माध्यम से करते हैं निगरानी

सरगुजा जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी जेआर प्रधान का कहना है कि पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से निगरानी की जाती है। ऐप में बच्चों (Anganwadi center) का आधार व फोटो अनिवार्य है। कई बच्चों का आधार नहीं होने के कारण उपस्थिति कम हो रही है। जैसे-जैसे बच्चों का आधार बन रहा है, एप के माध्यम से पंजीयन किया जाता है।


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