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सरिस्का सफारी में नहीं लगेगी वेटिंग, बढ़ेंगी जिप्सियां और कैंटर

सरिस्का टाइगर रिजर्व के पीक सीजन में पर्यटकों को जंगल घूमने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जिप्सियों की संख्या इस बार अपार होगी। यानी वेटिंग का चक्कर लगभग खत्म हो जाएगा।

फाइल फोटो

सरिस्का टाइगर रिजर्व के पीक सीजन में पर्यटकों को जंगल घूमने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जिप्सियों की संख्या इस बार अपार होगी। यानी वेटिंग का चक्कर लगभग खत्म हो जाएगा। यही नहीं, टिकट विंडो से ऑफलाइन मिल जाएंगे। हालांकि एडवांस बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन ही रहेगी। बताया जा रहा है कि इस सीजन में सवा लाख से ज्यादा पर्यटक जंगल घूमने आ सकते हैं।

सरिस्का में तीन पर्यटक जोन हैं। इनका संचालन सरिस्का व टहला गेट से होता है। दो पारियों में जंगल भ्रमण कराया जाता है। एक गाड़ी तीन से साढ़े तीन घंटे तक जंगल में पर्यटकों को भ्रमण कराती है।

पिछले साल की अपेक्षा इस साल पर्यटकों की संख्या अच्छी रहने की उमीद है। सीनियर गाइड विजय चौहान का कहना है कि सरिस्का में 35 जिप्सियां एक समय में भ्रमण के लिए जंगल में जाती हैं।

अब जरूरत पड़ने पर 50 से 55 जिप्सियां जा सकेंगी, ऐसी व्यवस्था हो रही है। इसके अलावा जिप्सियां रोस्टर से चलती थी। ऐसे में उनकी आमदनी नहीं हो पाती थी। अब उनके लगातार चलने से उनका रोजगार भी अच्छा चलेगा। कैंटरों की संख्या भी 6 से बढ़ाकर एक पारी में 10 तक हो सकती है।

यह हैं पर्यटक जोन

जोन प्रथम : सरिस्का गेट से घानका टिरिया, तरुंडा, ब्रह्मनाथ होते हुए कालीघाटी, पांडुपोल से सरिस्का गेट
जोन द्वितीय : सरिस्का गेट से भर्तृहरि तिबारा, करना का बास, जलेबी चौक, अलगल, नया पानी, गेरू का तिराया, कालीघाटी, पांडुपोल से सरिस्का
तीसरा जोन: टहला गेट से चमरी का बेरा, कालीघाटी, पांडुपोल, टहला