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Rajasthan Rivers : राजस्थान की ये 3 नदियां होंगी पुनर्जीवित, डीपीआर के लिए 30 करोड़ रुपए मंजूर

Rajasthan Rivers : राजस्थान की सूखी पड़ी रूपारेल, साबी और बाणगंगा नदियों को पुनर्जीवित करने तैयारी शुरू हो गई है। पुनरुद्धार के लिए ड्रोन सर्वे करवाया जा रहा है। डीपीआर के लिए 30 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

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Rajasthan These 3 rivers Ruparel Sabi Banganga will be revived Rs 30 crore approved for DPR

रूपारेल नदी। फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Rivers : राजस्थान की जनता के लिए खुशखबर। सूखी पड़ी रूपारेल, साबी और बाणगंगा नदियों को पुनर्जीवित करने तैयारी शुरू हो गई है। इन तीनों प्रमुख नदियों के पुनरुद्धार के लिए ड्रोन सर्वे करवाया जा रहा है। अलवर की रूपारेल नदी में अब तक 15 किलोमीटर क्षेत्र का सर्वे पूरा हो चुका है। यह सर्वे अलवर से भरतपुर के सीकरी तक किया जाएगा, जहां तक नदी का प्राकृतिक बहाव क्षेत्र फैला है।

साबी नदी का ड्रोन सर्वे जयपुर की ओर से किया जा रहा हैं। इसी तरह बाणगंगा नदी का भी सर्वे होगा। इसके आधार पर तीनों नदियों की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसमें करीब 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

भ्रद्रावती मॉडल के आधार पर पुनरुद्धार

करौली की भद्रावती नदी मॉडल पर यह पुनरुद्धार किया जाएगा। इसके तहत प्राकृतिक बहाव को पुनर्स्थापित कर नदी को नया जीवन देंगे ताकि वे वर्षभर बह सके। ड्रोन सर्वे दिसबर महीने में पूरा हो जाएगा।

अतिक्रमण और खनन ने सूखा दिया पानी

नदियों की बदहाली का सबसे बड़ा कारण बहाव क्षेत्र में फैला अवैध निर्माण, खनन और अतिक्रमण है। जलमार्ग अवरुद्ध होने से बरसात का पानी भी आगे नहीं बढ़ पाता और नदियां सूखने लगती हैं। कई स्थानों पर कचरे का ढेर पानी की प्राकृतिक दिशा को रोक देता है।

अधिकारियों ने बताया कि जहां-जहां पर जलमार्ग अवरुद्ध है, अतिक्रमण हैं उसकी पूरी रिपोर्ट आने के बाद इन्हें हटाया जाएगा।

घाट, एनिकट, तटबंध और कैचमेंट मजबूत होंगे

अधिकारियों का कहना है कि प्रस्तावित डीपीआर में घाट निर्माण, जल प्रवाह मार्ग सुधार, कैचमेंट एरिया विकास, एनिकट, तटबंध और प्राकृतिक जल संरक्षण उपायों को प्रमुखता दी जाएगी। साथ ही, बहाव मार्ग में बाधा बने सभी अवैध निर्माण हटाए जाएंगे। खनन पर सख्ती से रोक लगेगी।