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अलवर में बनेगा तारामंडल, 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे

अब अलवर में भी तारामंडल बनेगा। यह कार्य यूआईटी अगले माह से शुरू कर सकती है। इसके लिए जमीन का चयन होना बाकी है। पुराना सूचना केंद्र व कुछ अन्य जगहों पर जमीन तलाशी जा रही है।

यूआईटी की ओर से पूर्व में बनाया गया तारामंडल का डिजाइन

अब अलवर में भी तारामंडल बनेगा। यह कार्य यूआईटी अगले माह से शुरू कर सकती है। इसके लिए जमीन का चयन होना बाकी है। पुराना सूचना केंद्र व कुछ अन्य जगहों पर जमीन तलाशी जा रही है। पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री संजय शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही यह धरातल पर नजर आएगा। जमीन पर खड़े होकर लोग तारामंडल को देख सकेंगे।

इसे कहते हैं तारामंडल

तारामंडल में वे तारे और खगोलीय वस्तुएं होती हैं, जो पृथ्वी की सतह से देखने पर स्थाई रूप से आकाश में एक ही क्षेत्र में इकठ्ठी नजर आती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वास्तव में एक-दूसरे के पास हैं या इनका आपस में कोई महत्वपूर्ण गुरुत्वाकर्षण है।

देश में हैं 48 तारामंडल

पूरे देश में 48 तारामंडल हैं। अलवर व आसपास में तारामंडल नहीं थे। पर्यटकों को आकर्षित करने का यह नया केंद्र होगा। कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलुरू, जयपुर, प्रयागराज आदि शहरों में तारामंडल हैं। बिड़ला तारामंडल कोलकाता की एक मंजिला गोलाकार संरचना है, जिसे विशिष्ट भारतीय शैली में डिज़ाइन किया गया है, जिसकी वास्तुकला सांची के बौद्ध स्तूप की शैली से प्रेरित है।

प्रदेश सरकार ने तारामंडल को मंजूरी दी है। इस पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जयपुर, कोलकाता से लेकर मुंबई व अन्य शहरों में तारामंडल बने हैं। उन्हीं की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा। सर्वाधिक लाभ स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को मिल सकेगा। उन्हें यहां भ्रमण कराकर खगोलीय घटनाओं को विशेषज्ञ समझा सकेंगे। गौरतलब है कि कोलकाता का बिड़ला तारामंडल एशिया का सबसे बड़ा तारामंडल है और दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है।

वर्ष 2023-24 में यूआईटी के पूर्व सचिव अशोक कुमार योगी ने विज्ञान पार्क स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया। तारामंडल का डिजाइन भी तैयार करवाया गया। इस प्रोजेक्ट को यूआईटी ट्रस्ट की बैठक में रखा गया, तो इसे कुछ दिन होल्ड करवाया गया। उसके बाद अधिकारियों के तबादले हो गए और यह तारामंडल कागजों में ही चलता रहा।

नगर निगम अपनी जमीन दे, तो हो सकती है आमदनी

तारामंडल पर यूआईटी को काम करना है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी का मेल करते हुए तारामंडल तैयार करना है। इसके लिए जगह देखी जाएगी। पुराना सूचना केंद्र इसके लिए उपयुक्त जगह है, लेकिन नगर निगम इस जमीन को देना नहीं चाहता। पहले भी यूआईटी को यह जमीन नहीं दी गई, जबकि यूआईटी ने कहा था कि तारामंडल तैयार करके इसका संचालन नगर निगम को ही दे दिया जाएगा। नगर निगम शुल्क लागू करके आमदनी कर सकता है, पर बात नहीं बनी।