अकबरपुर. मौसम खुलने के साथ ही यूरिया व डीएपी खाद की मांग बढ़़ गई। काश्तकार ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खाद के लिए पहुंचने से किसानों की भीड़ लग रही है। इस बार क्षेत्र में प्याज का रकबा अधिक होने के कारण यूरिया की मांग अधिक है।
किसानों का कहना है कि बाजरे की फसल समेटने के बाद लाल प्याज की खेती की तैयारी में है। जिसमें यूरिया, डीएपी की जरूरत है। उमरैण, अकबरपुर, साहोड़ी, धवाला, माचड़ी, धर्मपुरा, माधोगढ़, परसा का बास, अहमदपुर, अलापुर सहित अन्य गांवों में भी जो किसान लाल प्याज की खेती कर रहे हैं, वे अधिक पैदावारी पाने के लिए यूरिया खाद का इस्तेमाल करते हैं। अब मौसम साफ हो गया है। दो-तीन दिन की चटक धूप के बाद अब प्याज की खेती में पानी देने की तैयारी करेंगे। साथ ही यूरिया खाद भी डालेंगे। जिससे प्याज की खेती को फायदा होगा।मृदा परीक्षण के अनुसार खाद
किसानों ने बताया कि जिन्होंने प्याज लगा दी, उसमें 90 दिन की पूर्ति के लिए यूरिया खाद ले जा रहे हैं। अपने खेत की मृदा का परीक्षण कर विभाग की सिफारिश के अनुसार ही खाद डालते हैं। किसानों को कभी भी मनमानी तरीके से खाद नहीं डालना चाहिए। नैनो यूरिया, डीएपी का स्प्रे फसल में फायदेमंद है। भूमि भी खराब नहीं होती है। लागत भी कम आती है।
डिमांड बढ़ गई
सहकारी समिति, अकबरपुर रमेश पटेल, व्यवस्थापक के अनुसार दो-तीन दिन से मौसम साफ है। किसान यूरिया-डीएपी व पोटाश खाद खरीदने के लिए आ रहे हैं। इन दिनों यूरिया और डीएपी खाद की डिमांड बढ़ गई है। समिति से किसान आवश्यकता अनुसार खाद ले जा रहे हैं। अभी 600 कट्टे पूर्ति के लिए आए थे।
Published on:
10 Sept 2025 12:13 am