
प्रदेश सरकार ने बजट घोषणा में अलवर जिले को महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की सौगात दी थी। कॉलेज शुरू भी हो गया, लेकिन जमीनी हालात अभी तक सुधरे नहीं हैं। कॉलेज वर्तमान में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के कैंपस के एक ही कमरे में संचालित हो रहा है। पहले ही सत्र में 90 सीटों पर प्रवेश होना था, लेकिन मात्र 9 छात्राओं ने ही दाखिला लिया है। कॉलेज में तीन शाखाओं में फैंशन डिजाइन, इंटीरियर डिजाइन और कॉर्मशियल आर्ट में पढ़ाई करवाई जा रही है। पहले ही सत्र में सीमित सुविधाओं के बीच कॉलेज चल रहा है, ऐसे में छात्राओं की संख्या और कॉलेज की कार्यप्रणाली दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। नए भवन और स्टाफ नियुक्ति के बाद ही यह कॉलेज पूरी क्षमता के साथ चल सकेगा।
जिन छात्राओं ने महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रवेश लिया है, उनकी पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हो रही है। सभी तकनीकी कक्षाएं सांगानेर (जयपुर) से ली जा रही हैं। वहीं, राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक हिंदी और अंग्रेजी विषयों की कक्षाएं ऑफलाइन ले रहे हैं। कॉलेज के लिए 16 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 9 टीचिंग और 7 सहायक स्टाफ शामिल हैं, लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी है।
महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन में से ही भूमि आवंटित की गई है। जमीन का चिन्हिकरण भी पूरा हो चुका है। प्रस्ताव है कि करीब 5 हेक्टेयर में 9 करोड़ रुपए की लागत से नया भवन बनाया जाए। निर्माण कार्य कृषि विपणन बोर्ड की ओर से किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, लेकिन मामला कोर्ट में जाने से काम अटक गया है। बताया जा रहा है कि पूरी एनआईटी प्रक्रिया पर स्टे लिया हुआ है और इसकी अगली सुनवाई 5 जनवरी है।
Published on:
03 Dec 2025 05:14 pm
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