अजमेर। रणथम्भौर और सरिस्का टाइगर रिजर्व की तरह जल्द अरावली-नाग पहाड़ में पर्यटक लेपर्ड मूवमेंट देख सकेंगे। काजीपुरा में बनने वाली संभाग की पहली लेपर्ड सफारी का विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शिलान्यास किया।
देवनानी ने कहा कि काजीपुरा, खरेखड़ी, अजयसर और आस-पास के गांव में फैली गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी विकसित की जाएगी। झालना, रणथम्भौर, सरिस्का, रावली-टॉडगढ़ और जवाई बांध की तर्ज पर पर्यटकों को गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी और घाटी के मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे। काजीपुरा गांव की सीमा एन्ट्री प्लाजा बनेगा।
सैलानी घाटी में ट्रेकिंग के साथ ही सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय के अस्तबल, उनके राज्य की समृतियां, सैनिक छावनी स्थल और अन्य स्थानों पर घूम सकेंगे। ट्रेक पर सैलानियों के विश्राम की भी व्यवस्था होगी। यहां लेपर्ड सफारी में ट्रैक और रूट बनेगा। टिकट खिड़की, रेस्ट प्वाइंट्स, सेल्फी प्वाइंट्स और अन्य व्यवस्थाएं होंगी।
पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए भी ई-बसों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। इससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से इस परियोजना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है। अजमेर के लिए लगभग 40 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें से अधिकांश को वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है।
देवनानी ने कहा कि अजमेर में फिलहाल कोई बड़ा पर्यावरणीय पर्यटक स्थल नहीं है। लेपर्ड सफारी परियोजना पर 20 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। पहले चरण में 5.5 करोड़ रुपए से कार्य प्रारंभ किया गया है। पर्यटकों के लिए कई किलोमीटर के नए ट्रैक का निर्माण होगा।
चामुंडा माता व भैरव मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी फायदा होगा। इसी तरह साइंस पार्क का निर्माण, वरुणसागर का सौंदर्यीकरण, स्पोर्ट्स कॉलेज व सैनिक स्कूल के काम भी जल्द होंगे। इस दौरान रमेश शर्मा, दीपक शर्मा, महेन्द्र सिंह, गुलाब सिंह, लाल सिंह सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
Updated on:
18 Sept 2025 01:50 pm
Published on:
18 Sept 2025 01:49 pm