
पश्चिम बंगाल से अगवा बालिका को अजमेर नागफनी क्षेत्र से मुक्त करवाने के बाद संयुक्त टीम।
अजमेर(Ajmer News). पश्चिम बंगाल के हरिरामपुर थाना क्षेत्र से दो माह पहले अगवा की गई 13 वर्षीय बालिका को आखिरकार अजमेर से सुरक्षित दस्तयाब कर लिया गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर मिशन मुक्ति फाउंडेशन दिल्ली की टीम दो माह से बालिका की तलाश में जुटी थी। आरोपी बार-बार लोकेशन बदलकर पुलिस और फाउंडेशन को गच्चा देता रहा, लेकिन दूसरी बार उसकी लोकेशन अजमेर में मिलने के बाद पुलिस और रेस्क्यू टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर बालिका को नागफनी क्षेत्र से दस्तयाब कर लिया। हालांकि दबिश से पहले आरोपी मौके से फरार हो गया।
जानकारी अनुसार पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के हरिरामपुर थाना क्षेत्र से दो माह पूर्व 13 साल की एक नाबालिग बालिका के अपहरण की घटना ने उसके परिजनों को असहाय बना दिया। मामला गंभीर होने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन को प्रकरण में कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी। फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्रकुमार सिंह ने बालिका की लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया। इस दौरान आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। कभी बंगाल, कभी बिहार, तो कभी मुंबई। कई दिनों की निगरानी के बाद उसकी लोकेशन पहली बार अजमेर और फिर मुंबई में दिखाई दी, लेकिन टीम के रवाना होने से पहले ही वह अचानक फिर से अजमेर पहुंच गया।
जैसे ही आरोपी की लोकेशन दोबारा अजमेर में ट्रेस हुई, फाउंडेशन ने तुरंत दिल्ली से रेस्क्यू टीम रवाना कर दी। टीम पहुंचकर मानव तस्करी विरोधी शाखा, बाल कल्याण समिति(सीडब्ल्यूसी), डीसीपीयू और दरगाह थाना पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई का प्लान तैयार किया। रेस्क्यू फाउण्डेशन दिल्ली से जांच पदाधिकारी अक्षय पांडे, मानव तस्करी विरोधी शाखा अजमेर से हैड कानिस्टेबल हरभानसिंह, डीसीपीयू अजमेर के उपनिदेशक संजय सावलानी, सीडब्लूसी के सदस्य अरविंद मीणा, चाइल्ड हेल्प लाइन समन्वयक वनिता, स्मिता, गंज थाने से एएसआई श्यामलाल, सिपाही शक्तिसिंह की संयुक्त टीम बनाई।
पुलिस व संयुक्त रेस्क्यू दल ने योजना के अनुसार कार्रवाई को अंजाम देते हुए नागफनी इलाके में एक मकान में दबिश देते हुए बालिका को सुरक्षित दस्तयाब किया, जबकि आरोपी मौके से फरार हो गया। बालिका को सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अंजली शर्मा के समक्ष पेश किया। जहां से उसे बालिका गृह भेज दिया है। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अंजली शर्मा ने पश्चिम बंगाल पुलिस को सूचना दे दी है। प. बंगाल पुलिस के अजमेर पहुंचने पर नाबालिग को उनकी सुपुर्दगी में दिया जाएगा।
पुलिस पड़ताल में आया कि आरोपी बिहार के कटिहार का रहने वाला है। उसने नाबालिग से निकाह रचा लिया और उसे अपने रिश्तेदार के पास अजमेर में पत्नी की तरह साथ रख रहा था। घर में उसको बंधक जैसी स्थिति में रखा गया था। पुलिस पड़ताल में आया कि आरोपी पहले से शादीशुदा है। पुलिस प्रकरण में आरोपी की तलाश और अन्य पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है।
लगातार बालिका की लोकेशन ट्रेस कर रहे थे, लेकिन आरोपी बहुत शातिर निकला। जैसे ही उसकी लोकेशन मिलती, वह उसे बदल देता। दूसरी बार जब लोकेशन अजमेर में मिली तो हमने तत्काल रेस्क्यू प्लान बनाया। अजमेर पुलिस, सीडब्ल्यूसी और डीसीपीयू की मदद से बालिका को सुरक्षित दस्तयाब किया जा सका। सभी एजेंसियों की भूमिका सराहनीय रही। वीरेंद्र कुमार सिंह, निदेशक, मिशन मुक्ति फाउंडेशन (दिल्ली)
Published on:
30 Nov 2025 01:49 am
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