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जितना अधिक छोड़ोगे, उतना अधिक मिलेगा : आचार्य सुनील सागर

अहमदाबाद. दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर ने शनिवार को कहा कि छोड़ना ही पाने का मार्ग है। सुनने में ये विरोधाभासी वक्तव्य लगता है, पर यही सच्चाई है।गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में चातुर्मास के दौरान प्रवचन में उन्होंने कहा कि यदि अनाज खेत को नहीं छोड़े तो आपकी भोजनशाला में भोजन नहीं पकेगा और आप भूखे […]

अहमदाबाद. दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर ने शनिवार को कहा कि छोड़ना ही पाने का मार्ग है। सुनने में ये विरोधाभासी वक्तव्य लगता है, पर यही सच्चाई है।
गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में चातुर्मास के दौरान प्रवचन में उन्होंने कहा कि यदि अनाज खेत को नहीं छोड़े तो आपकी भोजनशाला में भोजन नहीं पकेगा और आप भूखे रह जाओगो। बच्चा घर छोड़कर स्कूल न जाए तो पढ़ नहीं पाएगा। बादल यदि बरसात के रूप में पानी न छोड़ें तो खेत हरे-भरे नहीं होंगे। यदि हम सांस नहीं छोड़ेंगे तो जिंदा नहीं रह पाएंगे।
उन्होंने कहा कि रिश्तों को मधुर बनाना हो, व्यापार में आगे बढ़ना हो, बढि़या स्वास्थ्य पाना हो या अध्यात्म में आगे बढ़ना हो, हर बार एक ही मूलमंत्र होता है और वो है संकल्प। आपका संकल्प ही आपकी रगों में जान भरता है और मुसीबतों के समय में भी आपको साहस देता है। यहां नवरात्र के नौ दिनों में कल्पद्रुम महामंडल विधान नामक महापूजा का विशाल स्तर पर आयोजन होने वाला है।