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रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता के लिए आइआइटी गांधीनगर और भारतीय सेना ने मिलाया हाथ

ईएमई स्कूल, वडोदरा में एमओयू पर किए हस्ताक्षर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में होगा संयुक्त अनुसंधान

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Ahmedabad. देश की रक्षा नवाचार और तकनीक आत्मनिर्भरता को मजबूत देने के लिए भारतीय सेना और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आइआइटी गांधीनगर) ने हाथ मिलाया है। वडोदरा स्थित ईएमई स्कूल में मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू के तहत अनुसंधान, विकास और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे सेना की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप स्वदेशी समाधान विकसित किए जा सकें।

आइआइटी गांधीनगर के निदेशक प्रो. रजत मूना और ईएमई स्कूल, वडोदरा के कमांडेंट मेजर जनरल मोहित गांधी ने भारतीय सेना की ओर से इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत आइआइटी गांधीनगर, भारतीय सेना और उससे जुड़े संस्थानों के साथ मिलकर सेना की परिचालन और तकनीकी आवश्यकताओं पर केंद्रित नवाचार आधारित अनुसंधान करेंगे। संयुक्त परियोजनाओं पर कार्य करेंगे। प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, परामर्श और तकनीकी इनक्यूबेशन जैसे कार्य भी मिलकर करेंगे।

स्वदेशी रक्षा नवाचार को मिलेगा बढ़ावा: प्रो.मूना

आइआइटी गांधीनगर के निदेशक प्रो. रजत मूना ने कहा, “यह सहयोग आधुनिक अकादमिक अनुसंधान को सेना की वास्तविक परिचालन जरूरतों से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास तथा स्वदेशी रक्षा नवाचार को इससे बढ़ावा मिलेगा।

भावी युद्ध क्षेत्र की दृष्टि से महत्वपूर्ण: गांधी

मेजर जनरल मोहित गांधी ने कहा कि यह समझौता भविष्य के युद्धक्षेत्र की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे आयुध तकनीक, सेंसिंग सिस्टम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, साइबर सुरक्षा और अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान व विकास की नींव रखता है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी सेना की चुनौतियों को नवाचार और स्वदेशी समाधान में बदलने का अवसर प्रदान करेगी। यह समझौता ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के अनुरूप रक्षा नवाचार में नागरिक-सैन्य सहयोग को नई ऊंचाई देने वाला कदम है।