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मेहनत करते रहेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी : आचार्य सुनील सागर

गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में चातुर्मास प्रवचन अहमदाबाद. दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर ने गुरुवार को कहा कि स्वयं को भी मेहनत करनी पड़ती है, इंसान को चढ़ने में दिक्कत होती है पर उतरना जल्दी से हो जाता है। उन्होंने कहा कि चढ़ने की कोशिश करें, दुनिया भले ही कुछ कहे, नकारात्मक बोलने पर आप मेहनत […]

गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में चातुर्मास प्रवचन

अहमदाबाद. दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर ने गुरुवार को कहा कि स्वयं को भी मेहनत करनी पड़ती है, इंसान को चढ़ने में दिक्कत होती है पर उतरना जल्दी से हो जाता है। उन्होंने कहा कि चढ़ने की कोशिश करें, दुनिया भले ही कुछ कहे, नकारात्मक बोलने पर आप मेहनत करते रहेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में चातुर्मास प्रवचन के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर शौक पाला नहीं जाता, कांच के खिलौने को उछाला नहीं जाता, कोशिश करने से मुश्किलें हो जाती आसान, क्योंकि हर काम भाग्य भरोसे टाला नहीं जाता।
आचार्य ने कहा कि सम्यकदर्शन गुण है, मिथ्यात्व दुर्गुण है। तुम्हें जो रुचि हो वह ग्रहण करो। गुण ग्रहण करना है या दुर्गुण ग्रहण करना है, यह आप पर निर्भर है। जीव का श्रद्धा गुण है, अगर सही दिशा में श्रद्धा लगे तो गुण है और विपरीत दिशा में या, गलत दिशा में लगे तो दुर्गुण है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति ने बाहर का परिग्रह छोड़ दिया पर अहं बुद्धि का, भोक्ता बुद्धि का त्याग नहीं किया, मम बुद्धि का त्याग नहीं किया तो, मिथ्यात्व में ही हैं। कषाय, परिग्रह का त्याग हो तो सम्यकत्व हो। तत्वों को जाना-पहचाना, जीव नर्क में भी गया तो श्रेणीक राजा जैसा पुनः जन्म लेकर निर्वाण भी प्राप्त कर जा सकते हैं।
आचार्य ने कहा कि आत्मा-स्वभाव को जाना नहीं और बहुत मेहनत करो तो कुछ भी फायदा नहीं। मूल तत्वज्ञान ना हो तब तक जीव का कल्याण नहीं हो सकता।सभी को अंतरंग साधना को साधने का पुरुषार्थ करना चाहिए।