Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

जीटीयू छात्र की खोज से बढ़ाएगी पोषण

केमिकल-फ्री फॉर्मुलेशन, रोज़ की न्यूट्रिशन कमी पूरी करेगा पौष्टिक पाउडर, स्टार्टअप के साथ आगामी महीने बाजार में उतारने की तैयारी, यूएसएफडीए मान्यता प्राप्त फैसिलिटी में तैयार

GTU

Ahmedabad. कुपोषण से जूझ रहे लोगों के लिए गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के छात्र ने ऐसा पौष्टिक उत्पाद तैयार किया है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के पोषण स्तर को बढ़ाने में मददगार होगा। स्टार्टअप मॉडल पर आधारित यह उत्पाद अगले महीने बाजार में लॉन्च होने जा रहा है। यह उत्पाद डब्ल्यूएचओ-जीएमपी और यूएसएफडीए मान्यता प्राप्त मैन्युफैक्चरिंग फ़ैसिलिटी में तैयार किया जा रहा है। इसमें विटामिन डी 2, विटामिन बी12, अल्गी प्रोटीन, प्राकृतिक कोलेजन बिल्डर्स जैसे आवश्यक पोषक तत्व शामिल हैं।

कोई साइड इफेक्ट नहीं, सभी के लिए सुरक्षित

जीटीयू के स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसएएसटी) के छात्र रुतिक परमार ने बताया कि यह प्लांट-आधारित और शुगर-फ्री उत्पाद है। 6 वर्ष से ऊपर की आयु वाले सभी लोग इसे ले सकते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर को दिनभर ऊर्जा देता है वहीं संतुलित पोषण प्रदान करता है। उन्होंने उत्पाद का नाम एवर वाइटल रखा है। एवर यानी हमेशा और वाइटल यानी ज़रूरी पोषण। बाज़ार में उपलब्ध समान उत्पादों की तुलना में इसकी कीमत कम रखी जाएगी।

अपनी बीमारी ने दी प्रेरणा, तैयार किया फॉर्मूला

परमार ने बताया कि कॉलेज के दौरान उन्हें गंभीर स्तर की पोषण की कमी हो गई थी। छह महीने तक विटामिन-बी 12 के इंजेक्शन लेने पड़े। तब महसूस हुआ कि ऐसा उत्पाद होना चाहिए जो प्रभावी, सस्ता हो और सभी की पहुंच में हो। इसी सोच पर शोध शुरू किया। दो-तीन वर्ष तक रिसर्च के बाद उन्होंने अपने साथी ब्रीद्रथ खोखरे के साथ यह उत्पाद तैयार किया। इस दौरान डॉ. वैभव भट्ट और डॉ. आशीष वारघणे का मार्गदर्शन मिला। जीटीयू के एसएसआईपी कार्यक्रम से उन्हें आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई।

इनोवेशन को बढ़ावा: जीटीयू का लक्ष्य

"जीटीयू-एसएएसटी समाज की आवश्यकताओं को समझते हुए वास्तविक समस्याओं के समाधान खोजने को लगातार प्रयासरत है। हमारी लैब, अत्याधुनिक उपकरण और अनुभवी प्राध्यापकों की टीम शोध एवं नवाचार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।"

-डॉ. वैभव भट्ट, निदेशक, एसएएसटी, जीटीयू