
Ahmedabad. द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) की ओर से सितंबर 2025 में ली गई सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा के सोमवार को घोषित परिणाम में अहमदाबाद सेंटर के 12 विद्यार्थियों ने ऑल इंडिया टॉप-50 की सूची में नाम दर्ज कराया है। टॉपर्स का कहना था कि सीए की सफलता के लिए मॉक टेस्ट देना और रिवीजन करना सबसे जरूरी है। इसके बिना सफलता पाना काफी मुश्किल है।
600 में से 503 अंक लाकर देश में सीए इंटरमीडिएट में दूसरा स्थान पाने वाली कृति शर्मा का कहना है कि पढ़ाई में निरंतरता रखनी जरूरी है। जो भी टॉपिक पढ़ो उसका कंसेप्ट भी क्लियर करने पर जोर दो। मॉक टेस्ट और रिवीजन तो सबसे अहम है। इससे पेपर के पैटर्न का पता चलता है। उन्होंने 8-10 घंटे की पढ़ाई की। उम्मीद नहीं थी कि वे देश में दूसरी रैंक पाएंगी। दो नंबर से नंबर वन का स्थान चूकने का भी कोई गम नहीं है, क्योंकि उन्होंने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उन्हें लगता है कि लॉ में थोड़ा और बेहतर होता तो नंबर वन स्थान आ सकता था। सोशल मीडिया से दूरी हितकर रहती है। आगे चलकर वे सीएफए करना चाहती हैं। कृति राजस्थान के जयपुर शहर के विद्याधरनगर की रहने वाली हैं। अहमदाबाद में साउथ बोपल में रहती हैं। पिता राहुल शर्मा एक हॉस्पिटल समूह में लॉजिस्टिक हेड हैं। मां ऋतु शर्मा गृहिणी हैं।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले के ओबरी गांव के मूल निवासी आलोक पंचोरी ने सीए फाइनल में 600 में से 444 अंक पाए हैं। देश में 23 वीं रैंक पाई है। अहमदाबाद में पीजी में रहकर फाइनल की तैयारी करने वाले आलोक बताते हैं कि मॉक टेस्ट से हमारी लिखने की क्षमता बढ़ती है, जो पेपर में अच्छे अंक दिलाने में सबसे अहम है। इससे कॉन्सेप्ट सुधरता है। आगे चलकर वे आईआईएम-ए से एमबीए करना चाहते हैं। पिता अल्पेश गारमेंट्स व्यवसायी हैं।
राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा निवासी हाल अहमदाबाद में ईसनपुर में रहने वाले सक्षम जैन ने 428 अंक के साथ सीए फाइनल में देश में 34वीं रैंक पाई है। वे बताते हैं कि सीए में सफलता के लिए समय का बेहतर प्रबंधन जरूरी है। इसमें मॉक टेस्ट मददगार होते हैं। पिता महावीर जैन एफएमसीजी कंपनी में मैनेजर हैं। पिता ने आईसीएडब्ल्यू-सीएमए इंटरमीडिएट किया है।
राजस्थान के उदयपुर शहर के मूल निवासी अक्ष जैन ने 418 अंक के साथ सीए फाइनल में देश में 44वीं रैंक पाई है। वे बताते हैं कि सीए बनने के लिए तनाव के बिना तैयारी करें। पढ़ने के साथ लिखने पर भी फोकस करना चाहिए। जितने ज्यादा मॉक टेस्ट दोगे उतना ज्यादा फायदा होगा। अक्ष के पिता योगेंद्र और बहन शीनल जैन भी सीए हैं। बहन और पिता का अच्छा मार्गदर्शन मिला।
सीए फाइनल में देश में 20वीं रैंक लाने वाली हरियाणा के रोहतक की मूल निवासी ईशा अरोरा बताती हैं कि हमें हमारी कमियों का पता करके उसे दूर करना चाहिए। मॉक टेस्ट देने से हमें कमियां पता चलती हैं। फोकस एरिया का पता चलता है कि कहां पर फोकस करना है। लिखने की प्रेक्टिस काफी जरूरी है। उसके बिना सफलता मुश्किल है।
सीए फाइनल में देश में 27वीं रैंक लाने वाले मोक्षिल मेहता बताते हैं कि जितने पुराने पेपर हो सकें उन्हें हल करना चाहिए। इससे संस्थान के पेपर का पैटर्न पता चलता है। लिखने की प्रेक्टिस भी होती है। पिता व्यवसायी हैं। उनकी मम्मी का सपना था कि वे सीए बनें।
Published on:
03 Nov 2025 10:54 pm

