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कठाणा गांव से 5 साल बाद फिर दौड़ी ट्रेन, सांसद ने दिखाई हरी झंडी

गंभीरा ब्रिज दुर्घटना के बाद आणंद से नौकरी के लिए वडोदरा जाने वाले वालों को होगा लाभ आणंद. वडोदरा. कठाणा से वडोदरा को जोड़ने वाली कठाणा-वडोदरा पैसेंजर ट्रेन रविवार से पुन: दौड़ने लगी। यह कोरोना काल में बंद कर दी गई थी, पांच वर्ष बाद पुनः आरंभ की गई है। कठाणा रेलवे स्टेशन पर आणंद […]

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गंभीरा ब्रिज दुर्घटना के बाद आणंद से नौकरी के लिए वडोदरा जाने वाले वालों को होगा लाभ

आणंद. वडोदरा. कठाणा से वडोदरा को जोड़ने वाली कठाणा-वडोदरा पैसेंजर ट्रेन रविवार से पुन: दौड़ने लगी। यह कोरोना काल में बंद कर दी गई थी, पांच वर्ष बाद पुनः आरंभ की गई है। कठाणा रेलवे स्टेशन पर आणंद के सांसद मितेश पटेल और गुजरात के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमण सोलंकी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर प्रस्थान कराया।
आणंद जिले की बोरसद और आंकलाव तहसील के 25 से अधिक गांवों के युवा रोजगार के लिए वडोदरा के नंदेसरी जीआईडीसी और वडोदरा आते-जाते थे। कोरोना काल में ट्रेन बंद होने से ये भारी परेशानी का सामना कर रहे थे। इन्हें मजबूरन निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता था। स्थानीय लोगों की मांग के बाद सांसद पटेल और गुजरात के कैबिनेट मंत्री सोलंकी के प्रयासों से पश्चिम रेलवे ने ट्रेन को फिर से आरंभ किया गया।
सांसद पटेल ने कहा कि कोरोना के बाद ट्रेन को पुनः शुरू कराने में रेलवे मंत्री और अधिकारियों का महत्वपूर्ण सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि गंभीरा ब्रिज दुर्घटना के बाद आणंद से नौकरी के लिए वडोदरा जाने वाले वालों को इस ट्रेन से लाभ होगा। सांसद ने कहा कि 10 वर्षों तक जिले से केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहने के बावजूद जो काम करवा सके, वे उन्होंने 7 साल में सांसद रहते हुए पूरे किए।
मंत्री सोलंकी ने कहा कि पांच साल बाद ट्रेन पुन: आरंभ हो रही है, इसलिए अब लोग इसका अधिकतम उपयोग करें। जरूरत बढ़ने पर कोच भी बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गंभीरा ब्रिज के टूटे हिस्से के स्थान पर नया स्टील स्ट्रक्चर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने साढ़े नौ करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इससे यात्रियों और दोपहिया वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी।
बोचासण स्वामीनारायण मंदिर के कोठारी वेदज्ञ स्वामी ने कहा कि लगभग 1700 दिन बाद ट्रेन सेवा शुरू होना बड़ी राहत है। उन्होंने बताया कि बोचासण के मंदिर के निर्माण काल में शास्त्री महाराज और बाद में प्रमुख स्वामी महाराज भी ट्रेन से यात्रा करते थे, इसलिए यह ट्रेन संप्रदाय की यादों से भी जुड़ी है।
वडोदरा के मंडल रेल प्रबंधक राजू भडके ने बताया कि कठाणा-वडोदरा खंड पर कुल 33 रेलवे फाटक हैं, जिनमें से 11 पर गेटमैन मौजूद हैं, जबकि 22 फाटकों पर गेटमैन नहीं होने के कारण ट्रेन की गति सीमित रखनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में इनमें से कई फाटकों को बंद कर डायवर्जन का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इससे ट्रेन की गति बढ़ेगी और यात्रा समय दो घंटे पर लाया जा सकेगा।

सप्ताह में 6 दिन चलेगी

अपनी नियमित सेवा के रूप में सोमवार 8 दिसंबर से सप्ताह में 6 दिन (शनिवार को छोड़कर) यह डेमू कठाणा और वडोदरा के बीच चलेगी। ट्रेन नं. 79440 कठाणा-वडोदरा डेमू कठाणा से सुबह 5.15 बजे प्रस्थान कर सुबह 9.20 बजे वडोदरा पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन नं. 79439 वडोदरा-कठाणा डेमू वडोदरा से शाम 4.55 बजे प्रस्थान कर रात 9 बजे कठाणा पहुंचेगी। यह डेमू दोनों दिशाओं में बोचासण, बोरसद, वासद, नंदेसरी, रनोली और बाजवा स्टेशनों पर रुकेगी।