
आगरा के थाना ट्रांस यमुना परिसर में सात सितंबर को मुंशी की जेब से 45 हजार रुपये हरियाणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही ने उड़ाए थे। पुलिस ने आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। खुलासा हुआ कि वह खुद को पुलिसकर्मी बताकर थाने में आराम करता था। मौका पाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी की पहचान बजीर सिंह पुत्र रतन सिंह (46) निवासी बम्बोलिया, थाना सालवास, जिला रेवाड़ी (हरियाणा) के रूप में हुई है। वर्तमान में वह कोसली थाना क्षेत्र में रह रहा था। जांच में सामने आया कि बजीर सिंह वर्ष 2001 में प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था। लेकिन 2006 में उसे उच्चाधिकारियों ने सेवा से हटा दिया। बाद में वर्ष 2007 में वह हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ।
हरियाणा पुलिस में रहते हुए उसने युवाओं को भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए। उसके खिलाफ वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस की कार्यप्रणाली और थानों की व्यवस्था की जानकारी होने के कारण उसने उत्तर प्रदेश के कई जिलों के थानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
आरोपी थानों में काले जूते, खाकी पेंट और हरियाणा पुलिस का पहचान पत्र लेकर पहुंचता था। खुद को हरियाणा पुलिस का आरक्षी बताकर दबिश पर आने का बहाना करता और थाने में बैरक या कमरे में रुकने की अनुमति ले लेता था। मौका पाकर पुलिसकर्मियों के कमरों से रुपये और कीमती सामान चुरा लेता था।
ट्रांस यमुना थाने में हुई चोरी का मामला भी इसी तरह हुआ। सात सितंबर की सुबह थाने के मुंशी आरक्षी कुशल पाल चौधरी रात्रि ड्यूटी खत्म कर पहली मंजिल पर बने अपने सरकारी आवास में आराम करने पहुंचे थे। उन्होंने वर्दी उतारकर टांग दी और सो गए। दोपहर में नींद खुली तो पेंट की जेब से पर्स गायब था। पर्स में तीन हजार रुपये, डेबिट कार्ड, लाइसेंस, पुलिस कार्ड और अन्य दस्तावेज रखे हुए थे। आरोपी ने उनके डेबिट कार्ड से दो बार में एटीएम से 45 हजार रुपये निकाल लिए। सीसीटीवी फुटेज में सुबह नौ बजे एक युवक काले जूते और खाकी पेंट में थाने में दाखिल होता दिखाई दिया। उसकी पीठ पर बैग टंगा हुआ था। कुछ देर बाद वह मुंशी के कमरे से निकलते हुए नजर आया।
फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपी की पहचान की और दो महीने बाद हरियाणा में दबिश देकर उसे शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। एसीपी छत्ता शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि आरोपी की तलाश के लिए कई टीम लगाई गई थी। दो महीने बाद आरोपी बजीर सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ा। उसके पास से 3 हजार नकद, कुशलपाल का पुलिस कार्ड व अन्य कागजात बरामद किए गए।
Updated on:
10 Nov 2025 08:52 am
Published on:
09 Nov 2025 09:01 pm

